मुख्य पृष्ठमाहात्म्यसंहिताअध्याय
hero

शिव महापुराण

शिव पुराण सभी पुराणों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण व सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली पुराणों में से एक है । भगवान शिव के विविध रूपों, अवतारों, ज्योतिर्लिंगों, भक्तों और भक्ति का विशद् वर्णन किया गया है । इसमें शिव के कल्याणकारी स्वरूप का तात्त्विक विवेचन, रहस्य, महिमा और उपासना का विस्तृत वर्णन है । शिव पुराण में शिव को पंचदेवों में प्रधान अनादि सिद्ध परमेश्वर के रूप में स्वीकार किया गया है ।

श्रेय/अधिकार

इस पृष्ठ की सामग्री मुख्यतः निम्नलिखित स्थानों से ली गई है तथा आवश्यकतानुसार लघु त्रुटियों में संशोधन किया गया है ।

अस्वीकरण

इस पटल पर उपलब्ध सभी ग्रंथ व शास्त्र भारतीय ऋषियों, मनीषियों व ज्ञानियों की कृति होने के कारण पूरे भारतीय समाज की धरोहर है । यह संपूर्ण संकलन भिन्न भिन्न ऑनलाइन स्थानों से प्राप्त किया गया है जिनका संदर्भ संबंधित ग्रंथ/शास्त्र के पृष्ठ पर दिया गया है । वज्रकुल या वज्रसंस्कृति का उन पर किसी भी प्रकार का स्वामित्व नही है और ना ही वज्रकुल या वज्रसंस्कृति किसी सामग्री की पूर्ण शुद्धता या सटीकता का उत्तरदायित्व लेते हैं । जो भी स्वयं को उन महान पूर्वजों के वंशज व भारतीय संस्कृति की संतान मानते हैं या उस महान ज्ञान की धरोहर के अध्ययन में रूचि रखते हैं, एक ही पटल पर उपलब्ध यह सारा संकलन उनके हितार्थ वज्रकुल संस्था की ओर से तुच्छ भेंट है 🙏